प्रभु! स्वीकारो मेरे परनाम (Prabhu Sweekaro Mere Paranam)

सुख-वरण प्रभु, नारायण हे!

दु:ख-हरण प्रभु, नारायण हे!

तिरलोकपति, दाता, सुखधाम,

स्वीकारो मेरे परनाम,

स्वीकारो मेरे परनाम,

स्वीकारो मेरे परनाम, प्रभु!...


मन वाणी में वो शक्ति कहाँ जो,

महिमा तुम्हरी गान करें,

अगम अगोचर अविकारी,

निर्लेप हो, हर शक्ति से परे,

हम और तो कुछ भी जाने ना,

केवल गाते हैं, पावन नाम ,

स्वीकारो मेरे परनाम,

स्वीकारो मेरे परनाम, प्रभु!...


आदि मध्य और अन्त तुम्ही,

और तुम ही आत्म अधारे हो,

भगतों के तुम प्राण प्रभु,

इस जीवन के रखवारे हो,

तुम में जीवें, जनमें तुममें,

और अन्त करें तुम में विश्राम,

स्वीकारो मेरे परनाम,

स्वीकारो मेरे परनाम, प्रभु!...


चरन कमल का ध्यान धरूँ,

और प्राण करें सुमिरन तेरा,

दीनाश्रय दीनानाथ प्रभु,

भव बंधन काटो हरि मेरा,

शरणागत के (घन)श्याम हरि,

हे नाथ, मुझे तुम लेना थाम,

स्वीकारो मेरे परनाम,

स्वीकारो मेरे परनाम, प्रभु!...

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चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन (Chalo Bulawa Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai Bhajan)

नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन।

कलयुग में शिवयुग आया है (Kalyug Mein Shiv Yug Aaya Hai)

कलयुग में शिवयुग आया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,

कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी(Kirpa Ki Na Hoti Jo Addat Tumhari)

मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ,
यह दिल तो तेरा, हुआ दीवाना

ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

ये मेरी अर्जी है,
मै वैसी बन जाऊँ,

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