पायो जी मैंने राम रतन धन पायो (Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु ।

कृपा कर अपनायो ॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


जन्म जन्म की पूंजी पाई ।

जग में सबी खुमायो ॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे।

दिन दिन बढ़त सवायो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


सत की नाव खेवटिया सतगुरु।

भवसागर तरवयो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


मीरा के प्रभु गिरिधर नगर।

हर्ष हर्ष जस गायो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

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लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

जयपुर से लाई मैं तो चुनरी (Jaipur Se Layi Main Chunri)

जयपुर से लाई मैं तो,
चुनरी रंगवाई के,

मैया सदा मुझ पर, किरपा की नजर रखना (Maiya Sada Mujh Par Kirpa Ki Nazar Rakhna)

मैया सदा मुझ पर,
किरपा की नजर रखना,

जो देना हो तो मईया, उपहार ये देना (Jo Dena Ho To Maiya Uphar Ye Dena)

जो देना हो तो मईया,
उपहार ये देना,

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