पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया - भजन (Paar Karenge Naiya Bhaj Krishna Kanhaiya)

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


निस दिन भज गोपाल प्यारे,

मोर मुकुट पीतांबर वारे ।

भगतो के रखवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


स्वास स्वांस भज नन्द दुलारे,

वो ही बिगड़े काज सवारे ।

नटवर चतुर रिझईया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


अर्जुन के रथ हाकन वारे,

यशोदा जी के प्राण प्यारे ।

मन हर मुरली बजईया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


ग्वाल बाल संग धेनु रचावे,

लूट लूट दधी माखन खावे ।

चमत्कार करवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


नरसी जी ने टेर लगायी,

सावल शाह नहीं देर लगायी ।

ऐसे भात भरिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


संकट से प्रह्लाद उभारो,

संकट से हम को भी उभारो ।

खम्ब फाड़ हरिण्यकश्पू मारो,

नरसिह रूप धरैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


अबला को देवे शरण ना कोई,

भरी सभा में द्रोपती रोई ।

पहुंचे चीर बढ़िया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


विप्र सुदामा चावल लाए,

प्रेम सेहत हरी भोग लगाए ।

दीन सुदामा गले लगाए,

कह कर भैया भैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


वन में एक शिला थी भरी,

चरण छुवाय अहिल्या तारी ।

ऐसे भई बैकुंठ पठाइया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


दीनानाथ शरण हितकारी,

संकट मोचन कृष्ण मुरारी ।

भगत जनो का रखवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


बाल कृष्ण गोपाल हमारो,

बृज वासिन को प्राण पयारो ।

बृज गोपिन को हृदय दुलारो,

नन्द महल को छैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर,

सूर कहे मेरा नटवर नागर ।

दास कहे मेरा नटवर नागर,

घट घट वास करिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


द्रुपत सुता दुष्टो ने घेरी,

आए नाथ करी ना देरी ।

तुरत लगायी चीर की ढ़ेरी,

भगतन के दुःख हरिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


गोपिन के संग रास रचायो,

काम देव याने मार भगाओ ।

कलियन नाग नचैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


गज और ग्राह लड़े जल भीतर,

गज की टेर सुनी मेरे नटवर ।

गज के फंद छुड़ैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥

पार करेंगे नैया...

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सूर्य प्रार्थना

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सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

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कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,

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