ओम जय गौरी नंदा (Om Jai Gauri Nanda)

ॐ जय गौरी नंदा,

प्रभु जय गौरी नंदा,

गणपति आनंद कंदा,

गणपति आनंद कंदा,

मैं चरणन वंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


सूंड सूंडालो नयन विशालो,

कुण्डल झलकंता,

प्रभु कुण्डल झलकंता,

कुमकुम केसर चन्दन,

कुमकुम केसर चन्दन,

सिंदूर बदन वंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


ॐ जय गौरी नंदा,

प्रभु जय गौरी नंदा,

गणपति आनंद कंदा,

गणपति आनंद कंदा,

मैं चरणन वंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


मुकुट सुगढ़ सोहंता,

मस्तक सोहंता,

प्रभु मस्तक सोहंता,

बईया बाजूबन्दा,

बईया बाजूबन्दा,

ओंची निरखंता,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


ॐ जय गौरी नंदा,

प्रभु जय गौरी नंदा,

गणपति आनंद कंदा,

गणपति आनंद कंदा,

मैं चरणन वंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


मूषक वाहन राजत,

शिव सूत आनंदा,

प्रभु शिव सूत आनंदा,

कहत शिवानन्द स्वामी,

जपत शिवानन्द स्वामी,

मिटत भव फंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


ओम जय गौरी नंदा,

प्रभु जय गौरी नंदा,

गणपति आनंद कंदा,

गणपति आनंद कंदा,

मैं चरणन वंदा,

ॐ जय गौरी नंदा ॥


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मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,
मेरे उज्जैन के महाकाल,

जय माता दी गाये जा, मैया को मनाये जा (Jai Mata Di Gaye Ja Maiya Ko Manaye Ja)

जय माता दी गाये जा,
मैया को मनाये जा,

ऋषि पंचमी पर जानें क्या है पुजा का शुभ मुहुर्त और इस दिन का महत्व

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

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