ओम अनेक बार बोल (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

ओम अनेक बार बोल, प्रेम के प्रयोगी।

है यही अनादि नाद, निर्विकल्प निर्विवाद।

भूलते न पूज्यपाद, वीतराग योगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


वेद को प्रमाण मान, अर्थ-योजना बखान।

गा रहे गुणी सुजान, साधु स्वर्गभोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


ध्यान में धरें विरक्त, भाव से भजें सुभक्त,

त्यागते अघी अशक्त, पोच पाप-रोगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥


शंकरादि नित्य नाम, जो जपे विसार काम,

तो बने विवेक धाम, मुक्ति क्यों न होगी।

॥ ओम अनेक बार बोल..॥

- नाथूराम शर्मा 'शंकर'


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देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

नाथों के नाथ महादेव शिव शंकर
भीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथ

राम भजन - राम जी का मंदिर लगे नीको (Ram Ji Ka Mandir Lage Neeko)

दुनिया की चकाचौंध भूलूं मैं,
राम सिया राम ही बोलूँ मैं

मार्गशीर्ष मास में चंद्र दर्शन कब होगा?

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ सूर्य, चंद्रमा, नदियों और प्रकृति की पूजा का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

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