मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,
ओ साँवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है,
ओ सांवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है ॥
मेरी कुछ भी ना औकात थी,
बिगड़ी मेरी हर एक बात थी,
ऐसा मुझपे करम कर दिया,
खुशियों की मुझको सौगात दी,
हर एक विपदा मेरी,
को तुमने हर लिया है,
ओ सांवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है ॥
मेरी हर एक जरुरत प्रभु,
आपने पूरी कर दी प्रभु,
मांगने भी ना मुझको दिया,
पहले ही झोली भर दी प्रभु,
तेरा ही दिया मैंने,
प्रभु खाया और पिया है,
ओ सांवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है ॥
तेरे काबिल कहाँ मैं हरि,
फिर भी तुमने है करुणा करी,
हर जनम बस करते रहे,
‘चित्र विचित्र’ तेरी नौकरी,
हमें वृन्दावन बसा के,
उपकार ये किया है,
ओ सांवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है ॥
मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,
ओ साँवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है,
ओ सांवरे दाता मेरे,
तेरा शुक्रिया है ॥
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत उनकी व्रत कथा के बिना अधूरा माना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव को बहुत जल्दी क्रोध आता है, और इनके क्रोध से सभी बचने की कोशिश करते हैं। माना जाता है कि इनके क्रोध से व्यक्ति पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है।
रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है। सूर्यदेव को बेहद कल्याणकारी ग्रह माना गया है। ऐसे में रविवार के दिन किया जाने वाला व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
महादेव को प्रसन्न करने के लिए किसी भी विशेष पूजन की आवश्यकता नहीं होती। दरअसल, देवों के देव महादेव बहुत भोले माने जाते हैं, और उनका एक नाम भोलेनाथ भी है।