नवरात्रों की आई है बहार (Navratro Ki Aayi Hai Bahar)

नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


माँ का भवन सजाया,

फूलों कलियों से महकाया,

हुआ आँगन पवित्तर,

माँ ने करम कमाया,

ज्योत मैया की जगा के,

सबने मिरदंग बजाके,

सब भक्तो ने गाके,

खूब रंग बरसाया,

सपने हुए साकार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


रूप कंजको का धार,

आती घर घर माता,

खोले मन की जो आँखे,

वो ही दर्शन पाता,

सच्चे भाव से जो कोई,

पूरी हलवा खिलाता,

पूरी करती मुरादे,

सारे जग की विधाता,

करती है बेडा पार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥

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मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

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बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

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गजमुख धारी जिसने तेरा,
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राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,
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श्री शीतला माता चालीसा (Shri Shitala Mata Chalisa)

जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥

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