नन्द बाबा के अंगना देखो बज रही आज बधाई(Nand Baba Ke Angana Dekho Baj Rahi Aaj Badhai)

नन्द बाबा के अंगना देखो,

बज रही आज बधाई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


ढोल झांझ मृदंगहूँ बाजे,

और बाजे शहनाई,

सजधज कर सब सखियाँ आई,

गावन लगी बधाई,

मैं भी नाचन को आई,

मैं भी गावन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


मंगल साज सजाये सखी सब,

मैया के ढिंग आए,

युग युग जीवे तेरो लाला,

ये आशीष सुनाई,

काली घटा है छाई,

सब दौड़ दौड़ कर आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


नन्द बाबा के अंगना देखो,

बज रही आज बधाई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥

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हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(Ho Gaye Bhav Se Par Lekar Naam Tera)

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा
वाल्मीकि अति दुखी दीन थे,

दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी (Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari)

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे
इतनी विनय हमारी, वृन्दा-विपिन बसा ले

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।

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