नमो नमो शिवाय(Namo Namo Shivaay)

नमो नमो जय, नमो शिवाय

नमो नमो जय, नमो शिवाय

कितने भोले मेरे शिव हैं

कितने भोले मेरे शिव हैं

करते हैं कमाल शंकर

नमो नमो जय, नमो शिवाय

नमो नमो, नमो शिवाय


चले थे शंकर कथा सुनाने

अमरनाथ का राज बताने

वंशरतन को त्याग के अपने

पार्वती को भेद बताने

कथा को सुनकर अमर हो गया

एक जोड़ा कबूतर का

आज भी उड़ते अमरनाथ में

रूप है गौरी-शंकर का


नमो नमो जय, नमो शिवाय

नमो नमो, नमो शिवाय


विस्तार कर दिया जो ले के शिवा ने

अमरनाथ की हवा पहाड़ी और गुफा में

दिव्य लोक की दिव्य दिशाएं

जपती रहतीं नमो शिवाय

मृत धरती पर आके* शिवा ने

कल्याण कर दिया हम सब का


नमो नमो जय, नमो शिवाय

नमो नमो, नमो शिवाय

जय शंकर महाराज !

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क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

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मां शेरावालिये तेरा शेर आ गया (Maa Sherawaliye Tera Sher Aa Gaya)

जय माता दी,जय माता दी,जय माता दी
जय माता दी,जय माता दी,जय माता दी

गणपति के चरणो में, ध्यान लगा ले रे (Ganpati Ke Charno Mein Dhyan Laga Le Re)

गणपति के चरणों में,
ध्यान लगा ले रे,

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