नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,

करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

नमामि श्री गणराज दयाल।

निशिदिन ध्यान धरे जो प्राणी,

हरे सकल भव जाल,

जन्म-मरन से होत निराला,

नहीं लगती कर माल,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


लंबोदर गज-वदन मनोहर,

गले फूलों की माल,

ऋद्धि-सिद्धि चमाल धूलावें,

शोभत से दूर हार,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


मूषक वाहन त्रिशूल परेशुधार,

चंदन झलक विशाल,

ब्रह्मादिक सब ध्यावत तुम को,

अर्जी तुकरया बाल,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


नमामि श्री गणराज दयाल,

करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

नमामि श्री गणराज दयाल।

........................................................................................................
मात जवाला कर उजियाला (Maat Jwala Kar Ujiyala)

मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,

मंगल मूर्ति मारुति नंदन(Mangal Murti Maruti Nandan)

जय श्री हनुमान
जय श्री हनुमान

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।

बांके बिहारी मुझको देना सहारा (Banke Bihari Mujhko Dena Sahara)

बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।