नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा(Nakoda Ke Bhairav Tumko Aana Hoga)

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा ।

हम भक्तों को दरश दिखाना होगा,

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा ॥


तेरे दर पे भैरव मेरे, सब मिल आते हैं,

तेरे दर पे दादा मेरे, सब मिल आते हैं,

भक्ति के गीतों से तुमको रिझाते हैं,

झूम झूम तुमको भी गाना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा,

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा..


मेरे इस जीवन मे भैरव, छाया अंधियारा हैं,

मेरे इस जीवन मे दादा, छाया अंधियारा हैं,

सारी दुनिया छोड़ के आए, तु ही सबसे प्यारा हैं,

जीवन से दुःख को हटाना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा,

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा..


सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं,

सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं,

भवंरो में डोले नैय्या, मिलता ना किनारा हैं,

नैय्या को भव से पार लगाना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा,

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा..


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विवाह पंचमी कब है

विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा ।

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गुरुवार को किन मंत्रों का जाप करें?

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन श्रद्धा से पूजा, व्रत और दान करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।

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