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नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥


नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

मथुरा मे हरि, जन्म लियो है ॥

गोकुल मे पग, धरो री कन्हैया॥

रुनुक-झुनुक पग, घुँघरू वाज़े ॥

ठुमुक-ठुमुक पग, धरो री कन्हैया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


धोतो न बांधे, जामो न पहिरे ॥

पिताम्बर को, बडो रे पहरैया॥

टोपो न ओढ़े लाला, फेंटा* न बांधे ॥

मोर-मुकुट को, बडो रे ओढैईया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


शाला न ओढ़े, दुशाला ना ओढ़े ॥

काली रे कमरिया को, बडो रे ओढैईया॥

ढूध न भावे, दही ना खावे ॥

माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


खेल ना खेले, खिलौना ना खेले ॥

बंसी को लाला, बडो री बजीईया ॥

चंदर सखी भज, बालकृष्ण छवि ॥

हंस हंस कंठ लगावे, हर की मैया ॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

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नामकरण संस्कार पूजा विधि

नामकरण संस्कार हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसमें बच्चे को उसकी पहचान दी जाती है। यह बच्चे के जीवन का पहला अनुष्ठान होता है।

गृह प्रवेश पूजा विधि

गृह प्रवेश पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है जो नए घर में प्रवेश करने से पहले किया जाता है। आम तौर पर जब व्यक्ति नया घर बनाता है या किसी नए स्थान पर जाता है, तो वहां की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए गृह प्रवेश पूजा की जाती है।

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

नकद-तिजोरी पूजा विधि

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर धन-धान्य से भरा रहे। इसके लिए वे नकद और तिजोरी की पूजा करते हैं। भारतीय परंपरा में नकद और तिजोरी धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

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