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ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर,

दयानिधि रीझ जाते हैं ।

यही सद् ग्रंथ कहते हैं,

यही हरि भक्त गाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


नहीं स्वीकार करते हैं,

निमंत्रण नृप सुयोधन का ।

विदुर के घर पहुँचकर भोग,

छिलकों का लगाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


न आये मधुपुरी से गोपियों की,

दु:ख व्यथा सुनकर ।

द्रुपदजा की दशा पर,

द्वारका से दौड़े आते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


न रोये बन गमन में,

श्री पिता की वेदनाओं पर ।

उठा कर गीध को निज गोद में ,

आँसु बहाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


कठिनता से चरण धोकर,

मिले कुछ 'बिन्दु' विधि हर को ।

वो चरणोदक स्वयं केवट के,

घर जाकर लुटाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


ना जाने कौन से गुण पर,

दयानिधि रीझ जाते हैं ।

यही सद् ग्रंथ कहते हैं,

यही हरि भक्त गाते हैं ॥


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सोमवार व्रत चालीसा

हफ्ते का पहला दिन यानी सोमवार भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। भोलेनाथ, जो त्रिदेवों में से एक हैं, को कई नामों से जाना जाता है जैसे - महादेव, शंकर, रुद्र, नीलकंठ और गंगाधर।

मंगलवार व्रत चालीसा

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन भक्त बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करना ज्यादा कठिन नहीं है।

बुधवार व्रत चालीसा

हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ठीक ऐसे ही बुधवार का दिन प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी का होता है। सनातन धर्म में गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना गया है।

गुरुवार व्रत चालीसा

हमारे हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है।

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