मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥
मै तो गयी थी यमुना तट पे
कहना खड़ा था री पनघट पे
बड़ी मुझ को रे देर भई,
अकेली पनिया गयी ॥
श्याम ने मेरी चुनरी झटकी
सर से मेरे घिर गयी मटकी
बईया मेरी मरोड़ गयी
अकेली पनिया गयी ॥
बड़ा नटखट है श्याम सवारिया
दे दारी मेरी कोरी चुनरिया
मेरी गगरिया फोड़ दी
अकेली पनिया गयी ॥
लाख कही पर एक ना मानी
भरने ना दे वो मोहे पानी
मारे लाज के मै मर गयी
अकेली पनिया गयी ॥
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।
दुनिया की चकाचौंध भूलूं मैं,
राम सिया राम ही बोलूँ मैं
हर हर महादेव, हर हर महादेव,
जय भवानी, जय भवानी,
राम जी से पूछे जनकपुर की नारी,
बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,