मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
भगवान तू अपने चरणों में,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझें दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में ॥
मैं भला बुरा हूँ तेरा हूँ,
मैं भला बुरा हूँ तेरा हूँ,
तेरे द्वार पे डाला डेरा हूँ,
तेरे द्वार पे डाला डेरा हूँ,
मुझे चाकर जान के रख लेना,
मुझे चाकर जान के रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझें दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में ॥
जब अधम से, अधम को तारा है,
जब अधम से, अधम को तारा है,
उसमे ही नाम हमारा है,
उसमे ही नाम हमारा है,
मुझे भार समझ कर रख लेना,
मुझे भार समझ कर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझें दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में ॥
मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,
भगवान तू अपने चरणों में,
भगवान तू अपने चरणों में,
मुझें दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में ॥
हिंदुओं के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ की शुरुआत में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पहला शाही 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर होने वाला है। इसमें सबसे पहले नागा साधु स्नान करेंगे।
नागा साधु को महाकुंभ का आकर्षण माना जाता है, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनका शाही स्नान में महत्व बहुत अधिक है। क्योंकि इन्हें आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन को मन, शरीर और आत्मा के संतुलन बनाने के लिए उचित माना जाता है।
अमावस्या का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह दिन पितरों को समर्पित है और माना जाता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है।