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मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे(Mohe Mitho Mitho Saryu Ji Ko Pani Lage)

मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे(Mohe Mitho Mitho Saryu Ji Ko Pani Lage)

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,

राजधानी लागे,

मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे।

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,

राजधानी लागे,

मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे।


जय हो प्रभु राम की जय हो अयोध्या धाम की,

धन्य कौशल्या धन्य सुमित्रा धन्य कैकई मैया,

धन्य कैकयी मैया,

धन्य कौशल्या धन्य सुमित्रा धन्य कैकई मैया,

धन्य कैकयी मैया, धन्य भूप दशरथ के अँगना,

खेलत चारो भैया,

मीठी तोतली रसीली प्रभु की बानी लागे

प्रभु की बनी लागे,मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे।

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,

राजधानी लागे

मोहे मिठो मिठो,सरजू जी को पानी लागे।


परम सुहावन जनम भूमि श्री रघुवर राम लला की,

रघुवर राम लला की,

कनक भवन सुन्दर शोभा हो,

कनक भवन सुन्दर शोभा,

लक्ष्मण ज्यूत के किला की,

जहां के कण कण में प्रभु की

निशानी लागे, निशानी लागे,

मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे।

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,


रंगमहल हनुमानगढ़ी छोटी छावनी अति सुन्दर,

छोटी छावनी अति सुन्दर,

रंगमहल हनुमानगढ़ी छोटी छावनी अति सुन्दर,

छोटी छावनी अति सुन्दर,

स्वंय जगत के मालिक बैठे,

स्वंय जगत के मालिक बैठे,

कनक भवन के अंदर,

सीता राम जो की शोभा सुखकानी लागे,

सुखकानी लागे,

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,

राजधानी लागे

मोहे मिठो मिठो,सरजू जी को पानी लागे।

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कुंडली मिलान की पूजा विधि

शादी से पहले जब लड़का-लड़की की कुंडली मिलाई जाती है, तो कई बार उसमें दोष या मेल की असमानता सामने आती है। ऐसे में वैवाहिक जीवन में आने वाली अड़चनों से बचने के लिए कुछ खास पूजा और उपाय किए जाते हैं।

बुध ग्रह दोष निवारण की पूजा विधि

क्या आपके जीवन में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है? क्या पढ़ाई या व्यापार में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? अगर हां तो हो सकता है आपकी कुंडली में बुध ग्रह दोष हो।

छठ पर्व की पूजा विधि

आस्था, शुद्धता और तपस्या का महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति की पूजा विधि

मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।

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