मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
चाहे बैरी सब संसार बने, चाहे जीवन मुझ पर भार बने ।
चाहे मौत गले का हार बने, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥
चाहे अग्नि में मुझे जलना हो, चाहे काटों पे मुझे चलना हो ।
चाहे छोडके देश निकलना हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो, चाहे चारों ओर अँधेरा हो ।
पर मन नहीं डग मग मेरा हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥
जिव्हा पर तेरा नाम रहे, तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे ।
तेरी याद तो आठों याम रहे, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥
वट सावित्री व्रत विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाने वाला एक विशेष पर्व है।
वट पूर्णिमा व्रत 2025 में 10 जून की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व होता है। यह व्रत श्रद्धा और पति की लंबी आयु की कामना से जुड़ा है।
वट सावित्री व्रत 10 जून, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
वट सावित्री व्रत 2025 में 10 जून को सुहागिन महिलाएं ज्येष्ठ अमावस्या के दिन व्रत रखकर वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करेंगी। यह व्रत पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए किया जाता है।