म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
श्लोक – सदा भवानी दाहिनी,
सनमुख रहे गणेश,
पांच देव रक्षा करे,
ब्रम्हा विष्णु महेश ॥
म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपती बप्पा मोरया ॥
रणत भंवर से आओ जी गजानन,
रणत भंवर से आओ जी गजानन,
रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
ॐ गण गणपतये नमो नमः,
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,
अष्टविनायक नमो नमः,
गणपती बप्पा मोरया ॥
पार्वती के पुत्र गजानन,
पार्वती के पुत्र गजानन,
भोले शंकर के मन भाओ
आओ जी गजानन आओ ॥
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपती बप्पा मोरया ॥
हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी,
हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी,
थारे मौदक भोग लगावा,
आओ जी गजानन आओ ॥
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपती बप्पा मोरया ॥
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
हर्ष हर्ष गुण गाओ गुण गाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
ॐ गण गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपती बप्पा मोरया ॥
म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
आज 13 फरवरी 2025 माघ माह का 31वां दिन का है और आज इस पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है।
सनातन हिंदू धर्म में, माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत मानी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का अंतिम महीना होता है। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।
फरवरी महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने का समापन शिवरात्रि के दो दिन बाद होगा। आसान शब्दों में कहें तो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है। इसके दो दिन बाद मार्च महीने की शुरुआत होगी। इससे पहले फाल्गुन महीने की शुरुआत होगी।
फाल्गुन’ हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है जिसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। फाल्गुन को हर्ष और उल्लास का महीना माना जाता है। जॉर्जियन कैलेंडर के अनुसार यह महीना फरवरी और मार्च को में पड़ता है।