मेरी मैया तू एक बार आजा,
हाँ दर्श दिखा जा,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
पहले भी माँ को हमने,
खूब मनाया,
मानेगी माँ मानेगी,
भजनो को गाके हमने,
खूब सुनाया,
जानेगी माँ जानेगी,
मेरे प्यासे नैना तरसे,
कब आएगी दर पे,
किया तूने उद्धार मेरा मैया,
पडूँ तेरे पईया,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
सोचा था माँ के,
हम दरबार जाएं,
जाएंगे माँ जाएंगे,
झोली को माँ के,
दर से भर लाए,
लायेंगे माँ लायेंगे,
मेरी मैया मेरी नैया,
पार करोगी नैया,
शेरोवाली जगत रखवाली,
ओ मेहरोवाली,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
मेरी अरदास सुनले,
हे माँ जगदम्बे,
जय अम्बे जय जगदम्बे,
हाथ जोड़ कर,
नमन करे हम,
जय दुर्गे जय जगदम्बे,
हे माँ भवानी दे दो निशानी,
पूरण करो कहानी,
मैं तो आया द्वार तेरे मैया,
पाऊं तेरी छैया,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
मेरी मैया तू एक बार आजा,
हाँ दर्श दिखा जा,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
भारत एक ऐसा देश है, जहां हर कहीं कई किस्से कहानियां है। यहां के हर शहर हर राज्य में कई कहानियां देखने को मिलती है। हर शहर के नाम के पीछे कोई न कोई पौराणिक कहानी है।
भारत में दिवाली का पर्व हर जगह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन, अयोध्या की दिवाली की बात ही कुछ और है। राम नगरी अयोध्या में हर साल दीपोत्सव के दौरान दिवाली को अत्यंत भव्य तरीके से मनाया जाता है।
रोशनी और उमंग के त्योहार के रूप में देशभर में दीपावली धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली धन और खुशहाली का प्रतीक भी है।