मेरी लगी शंभू से प्रीत, ये दुनिया क्या जाने(Meri Lagi Shambhu Se Preet Ye Duniya Kya Jane)

मेरी लगी शंभू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने,

मुझे मिल गया मन का मीत,

ये दुनिया क्या जाने,

क्या जाने क्या जाने,

मेरी लगी शम्भू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने ॥


मां गौरा की सुनो कहानी,

जो है सदाशिव की पटरानी,

तज सती देह उमां कल्याणी,

हिमगिरी के घर जन्मी भवानी,

मैना की हरी सब पीर,

ये दुनिया क्या जाने,

मेरी लगी शम्भू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने ॥


अखियां शिव दर्शन की प्यासी,

मन में है दिन रेन उदासी,

मात-पिता से आज्ञा मांगी,

तप के हेतु हुई बनवासी,

लागी शिव चरणों से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने,

मेरी लगी शम्भू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने ॥


कठिन तपस्या मां ने कीन्ही,

शिव ने उमा परीक्षा लीन्ही,

प्रीति उमा की मन में चीन्ही,

तब विवाह की आज्ञा दीन्ही,

तब हुई प्रीत की जीत,

ये दुनिया क्या जाने,

मेरी लगी शम्भू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने ॥


मेरी लगी शंभू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने,

मुझे मिल गया मन का मीत,

ये दुनिया क्या जाने,

क्या जाने क्या जाने,

मेरी लगी शम्भू से प्रीत,

ये दुनिया क्या जाने ॥

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मैया ओढ़ चुनरिया लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

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