मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया

हारे के साथी कहाते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

साथ निभाते हो सदा तुम गरीबो का

थामते हो हाथ सदा बदनसीबों का

नाव है मेरी सांवरे भंवर

मांझी ना कोई मेरा हमसफ़र

अश्क भी हमारे कहते हैं ये ही श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


भीलनी के बेर भी आये थे खाने

द्रौपदी का चीर भी आये थे बढ़ाने

ऐसी क्या कमी मेरे प्यार में

बीते ज़िन्दगी इंतज़ार में

दिल में अब हमारे उठते ये ही सवाल

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


सोइ है तक़दीर भी हँसता है ज़माना

हर कदम पे लड़खड़ाए तेरा दीवाना

कह रहा मोहित आ जाओ गोपाल

मुश्किलों में है आज तेरा लाल

बात मेरी रखने आते क्यों नहीं श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

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बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥

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हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। उसी प्रकार, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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