मेरी फरियाद सुन भोले(Meri Fariyad Sun Bhole)

मेरी फरियाद सुन भोले,

तेरे दर आया दीवाना,

मन की मुरादें पूरी कर,

सिवा तेरे ना कोई ठिकाना,

मेरी फरियाद सुन भोलें,

तेरे दर आया दीवाना ॥


कैसे मनाऊं तुझको भोले,

जानू ना तेरी पूजा,

तुझपे अर्पण जीवन मेरा,

तुझ बिन ना कोई दूजा,

मेरी अर्जी सुन भोले,

है हँसता सारा ज़माना,

मेरी फरियाद सुन भोलें,

तेरे दर आया दीवाना ॥


सच्चे मन से आया भोले,

दर्शन करने मैं तेरा,

दूध चढ़ा के तुमको रिझाऊं,

सुन संदेसा मेरा,

ये ‘राजा गोहेर’ मांगे प्रभु,

चरण धूलि का नजराना,

मेरी फरियाद सुन भोलें,

तेरे दर आया दीवाना ॥


मेरी फरियाद सुन भोले,

तेरे दर आया दीवाना,

मन की मुरादें पूरी कर,

सिवा तेरे ना कोई ठिकाना,

मेरी फरियाद सुन भोलें,

तेरे दर आया दीवाना ॥


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फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।

वृंदावनी वेणू (Vrindavani Venu)

वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ (Sakhi Ri Bank Bihaari Se Hamari Ladgayi Akhiyan)

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।

अथ श्री देव्याः कवचम् (Ath Shree Devya Kavacham)

देव्याः कवचम् का अर्थात देवी कवच यानी रक्षा करने वाला ढाल होता है ये व्यक्ति के शरीर के चारों ओर एक प्रकार का आवरण बना देता है, जिससे नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

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