मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री(Meri Chunri Mein Pad Gayo Dag Ri)

मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री,

कैसो चटक रंग डारो,

श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयों दाग री,

कैसो चटक रंग डारों ॥


औरन को अचरा ना छुअत है,

औरन को अचरा ना छुअत है,

या की मोहि सो,

या की मोहि सो लग रही लाग री,

या की मोहि सो लग रही लाग री,

कैसो चटक रंग डारों,

श्याम मोरी चुनरी में पड़ गयों दाग री,

कैसो चटक रंग डारों ॥


मो सो कहतो सुन्दर नारी,

मो सो कहतो सुन्दर नारी,

ये तो मोही सो,

ये तो मो हि सो खेले फाग री,

ये तो मो हि सो खेले फाग री,

कैसो चटक रंग डारो,

श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयों दाग री,

कैसो चटक रंग डारों ॥


बल बल दास आस ब्रज छोड़ो,

बल बल दास आस ब्रज छोड़ो,

ऐसी होरी में,

ऐसी होरी में लग जाये आग री,

ऐसी होरी में लग जाये आग री,

कैसो चटक रंग डारों,

श्याम मोरी चुनरी में पड़ गयों दाग री,

कैसो चटक रंग डारों ॥


मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री,

कैसो चटक रंग डारो,

श्याम मोरी चुनरी में पड़ गयों दाग री,

कैसो चटक रंग डारों ॥

........................................................................................................
हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा
म्हारे आंगन आप पधारो जी,

फूल भी न माँगती, हार भी न माँगती (Phool Bhi Na Mangti Haar Bhi Na Mangti)

फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,

महालक्ष्म्यष्टकम् (Mahalakhtam)

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥

षटतिला एकादशी व्रत कथा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पंचांग के अनुसार, माघ महीने की एकादशी तिथि को ही षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से का विधान है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने