मेरे सिर पर रख दो भोले(Mere Sar Par Rakh Do Bhole)

मेरे सिर पर रख दो भोले,

अपने ये दोनों हाथ,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


देने वाले श्याम शिवदानी तो,

अन्न धन दौलत क्या मांगे,

महादेव से मांगे तो फिर,

नाम और इज्ज़त क्या मांगे,

मेरे जीवन में तू कर दे,

मेरे जीवन में तू कर दे,

अब कृपा की बरसात,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


भोले तेरे चरणों की धूलि,

धन दौलत से महंगी है,

एक नज़र कृपा की बाबा,

नाम इज्ज़त से महंगी है,

मेरे दिल की तम्मना यही है,

मेरे दिल की तम्मना यही है,

करूँ सेवा तेरी दिन रात,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


झुलस रहें है गम की धुप में,

प्यार की छाया कर दे तू

बिन माझी के नाव चले ना,

अब पतवार पकड़ ले तू,

मेरा रस्ता रौशन कर दे,

मेरा रस्ता रौशन कर दे,

छायी अंधियारी रात,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


कहती है दुनिया शरणागत को,

अपने गले लगाते हो,

ऐसा हमने क्या माँगा जो,

देने में घबराते हो,

चाहे जैसे रखो त्रिपुरारी,

चाहे जैसे रखो त्रिपुरारी,

बस होती रहे मुलाक़ात,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


मेरे सिर पर रख दो भोले,

अपने ये दोनों हाथ,

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥

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रवि प्रदोष व्रत विशेष योग

देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।

घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार (Na Mann Hun Na Buddhi Na Chit Ahankar)

ना मन हूँ, ना बुद्धि, ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

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