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मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

जय जय माँ, जय जय माँ ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।


मेरे मन के अंध तमस में,

ज्योतिर्मय उतारो ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।


मेरे मन के अंध तमस में,

ज्योतिर्मय उतारो ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।

जय जय माँ, जय जय माँ ।


कहाँ यहाँ देवों का नंदन,

मलयाचल का अभिनव चन्दन ।

मेरे उर के उजड़े वन में,

करुणामयी विचरो ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में...॥


नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,

काजल सा काला यह अंतर ।

प्राणों के गहरे गह्वर में,

ममता मई विहरो ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में...॥


वर दे वर दे,

वींणा वादिनी वर दे ।

निर्मल मन कर दे,

प्रेम अतुल कर दे ।

सब की सद्गति हो,

ऐसा हम को वर दे ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में...॥


सत्यमयी तू है,

ज्ञानमयी तू है ।

प्रेममयी भी तू है,

हम बच्चो को वर दे ॥


सरस्वती भी तू है,

महालक्ष्मी तू है ।

महाकाली भी तू है,

हम भक्तो को वर दे ॥

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बोल पिंजरे का तोता राम (Bol Pinjare Ka Tota Ram)

बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,

गणपति गजवदन वीनायक (Ganpati Gajvadan Vinayak)

गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,

Ganpati Ji Ganesh Nu Manaiye (गणपति जी गणेश नू मनाइये)

गणपति जी गणेश नू मनाइये,
सारे काम रास होणगे,

गणपति करते चरणों में हम है नमन (Ganpati Karte Charno Mein Hum Hai Naman)

गणपति करते चरणों में हम है नमन,
करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

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