छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए एक विशेष दिन माना जाता है, जो हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का शुक्र प्रदोष व्रत 2025 में एक अत्यंत शुभ योग लेकर आ रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता हैI
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। मोहिनी एकादशी को विशेष रूप से भगवान विष्णु की प्रिय एकादशी माना जाता है। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की होती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।