मेरे घर राम आये है (Mere Ghar Ram Aaye Hai)

मेरी चौखट पे चलके आज,

चारों धाम आए है,

बजाओ ढोल स्वागत में,

मेरे घर राम आये है,

कथा शबरी की जैसे,

जुड़ गई मेरी कहानी से,

ना रोको आज धोने दो चरण,

आँखों के पानी से,

बहुत खुश है मेरे आंसू,

के प्रभु के काम आए है,

बजाओ ढोल स्वागत में,

मेरे घर राम आए है ॥


तुमको पा के क्या पाया है,

श्रष्टि के कण कण से पूछो,

तुमको खोने का दुःख क्या है,

कौशल्या के मन से पूछो,

द्वार मेरे ये अभागे,

आज इनके भाग जागे,

बड़ी लम्बी इन्तेज़ारी हुई,

रघुवर तुम्हारी तब,

आयी है सवारी,

संदेशे आज खुशियों के,

हमारे नाम आये है,

बजाओ ढोल स्वागत में,

मेरे घर राम आये है ॥


दर्शन पा के हे अवतारी,

धन्य हुए है नैन पुजारी,

जीवन नैया तुमने तारी,

मंगल भवन अमंगल हारी,

निर्धन का तुम धन हो राघव,

तुम ही रामायण हो राघव,

सब दुःख हरना अवध बिहारी,

मंगल भवन अमंगल हारी,

चरण की धुल लेलूँ मैं,

मेरे भगवन आये है,

बजाओ ढोल स्वागत में,

मेरे घर राम आए है ॥


मेरी चौखट पे चलके आज,

चारों धाम आए है,

बजाओ ढोल स्वागत में,

मेरे घर राम आये है,

मेरे घर राम आये है ॥

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भज राधे गोविंदा रे पगले(Bhaj Radhe Govinda Re Pagle)

भज राधे गोविंदा रे पगले,
भज राधे गोविंदा रे,

अप्रैल 2025 इष्टि-अन्वाधान

सनातन धर्म के परंपरा में अन्वाधान और इष्टि जैसे पर्व का विशेष महत्व है। ये दोनों वैष्णव संप्रदाय से जुड़े श्रद्धालुओं के अनुष्ठान हैं जो विशेष रूप से अमावस्या, पूर्णिमा और शुभ मुहूर्तों पर किए जाते हैं।

शुक्रवार को किन मंत्रों का जाप करें?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन सुख, समृद्धि और वैभव के प्रतीक शुक्र देव की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने से धन और सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है।

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

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