मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू (Mere Bhole Baba Jatadhari Shambhu)

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू,

हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥


नंदी की सवारी है,

गौरा मैया साथ है,

डोर ये जीवन की,

तेरे ही हाथ है,

सर्पों की गल में माला है,

पहने तन पे छाला है,

तन पे भस्म रमाते हैं,

महाकाल कहलाते हैं,

तीनो लोक तुझसे पावन,

हे दयालु हे शम्भू,

मेरे भोलें बाबा जटाधारी शम्भू,

हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥


भूतों की सेना है,

भूतनाथ कहाते है,

रास रचा संग कान्हा के,

गोपेश्वर बन जाते है,

जो भी दर पे आता है,

झोली भर ले जाता है,

मन इच्छा फल पाता है,

तेरे ही गुण गाता है,

तीनो लोक तुझसे पावन,

हे दयालु हे शम्भू,

मेरे भोलें बाबा जटाधारी शम्भू,

हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥


मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू,

हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥

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श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल(Sapane Me Sakhi Dekhyo Nandgopal)

सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,
सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

वो है जग से बेमिसाल सखी (Woh Hai Jag Se Bemisal Sakhi)

कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख

Maa Kali Chalisa (मां काली चालीसा)

जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥

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