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मेरे बालाजी महाराज, जयकारा गूंजे गली गली (Mere Balaji Maharaj Jaikara Gunje Gali Gali)

मेरे बालाजी महाराज, जयकारा गूंजे गली गली (Mere Balaji Maharaj Jaikara Gunje Gali Gali)

मेरे बालाजी महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


दरबार लगे प्यारा प्यारा,

तू है भक्तो का रखवाला,

तेरे चरणों में संसार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


घट घट वासी अंतर्यामी,

बलवीर सकल जग के स्वामी,

श्री राम के पहरेदार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


जब नाम कान से सुन पावे,

नहीं भूत पिशाच निकट आवे,

दे दे सोटो की मार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


तुम ज्ञान वान बलधारी हो,

सदा दीन दुखी हितकारी हो,

शिव शंकर के अवतार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


मेरे बालाजी महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥

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प्रदोष व्रत चालीसा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।

प्रदोष व्रत शुभ योग

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत के नियम

शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।

प्रदोष व्रत की कथा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।

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