मेरा भोला है भंडारी (Mera Bhola Hai Bhandari)

सबना दा रखवाला ओ शिवजी डमरूवाला जी

डमरू वाला उपर कैलाश रहंदा भोले नाथ जी

शंभु…

धर्मियो जो तारदे शिवजी पापिया जो मारदा

जी पापिया जो मारदा

बड़ा ही दयाल मेरा भोले अमली


ॐ नमः शिवाय शम्भु, ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु, ॐ नमः शिवाय


महादेव तेरा डमरू डम डम,

डम डम बजतो जय रे... हो

महादेवा

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय


सर से तेरी बेहती गंगा

काम मेरा हो जाता चंगा

नाम तेरा जब लेता ता ता

महादेवा...

शंभू...

जय शंकर


मां पिया दे घरे ओ गोरा महला च रहन्दी

जी महला च रेहन्दी

विच समसाना राहंदा भोले नाथ जी

मां पिया दे घरे ओ गोरा महला च रहन्दी

जी महला च रेहन्दी

विच समसाना राहंदा भोले नाथ जी

कालेया कुंडला वाला मेरा भोले बाबा

किधर कैलाश तेरा डेरा ओ जी

सर पे तेरे वो गंगा मैय विराजे

मुकुट पे चंदा मामा ओ जी


ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय


भंग जे पिंधा हे शिवजी,

तूने रमांदा तूने रमांदा

बडा ही तपारी ओ मेरा भोले अमली

भंग जे पिंधा हे शिवजी,

तूने रमांदा तूने रमांदा

बडा ही तपारी ओ मेरा भोले अमली


मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी

भोले नाथ रे, शंकर नाथ रे..

मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी

शंभू नाथ रे, हे शंकर नाथ रे


गौरा भांग रगड़ के बोलि

तेरे साथ है भूतो की टोली

मेरे नाथ रे हे शंभु नाथ रे..


हो भोले बाबा जी दर तेरे मैं आया जी

झोली खाली लाया जी..

खाली झोली भर दो जी

ॐ नमः शिवाय

कालेय सर्पा पाला मेरा भोले बाबा

शिखरे कैलशा बीच रहंदा ओ जी

भोले भोले भोले भोले भोले भोले भोले भोले


ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय शम्भु

ॐ नमः शिवाय


........................................................................................................
जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ(Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,

अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् (Ath Devyaparadha Kshamapana Stotram)

देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्, माँ दुर्गा का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने लिखा था। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ और कानों को सुख देने वाली स्तुतियों में से एक है।

आरती पुराण जी की (Aarti Puran Ji Ki)

आरती अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,

दर्श अमावस्या के उपाय क्या हैं?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना, तर्पण और दान किया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।