मत कर तू अभिमान रे बंदे (Mat Kar Tu Abhiman Re Bande)

मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥


तेरे जैसे लाखों आये,

लाखों इस माटी ने खाए ।

तेरे जैसे लाखों आये,

लाखों इस माटी ने खाए ।

रहा ना नाम निशान रे बंदे,

मत कर तू अभिमान ॥


मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥


झूठी माया झूठी काया,

वो तेरा जो हरिगुण गाया ।

झूठी माया झूठी काया,

वो तेरा जो हरिगुण गाया ।

जप ले हरी का नाम ओ बन्दे

मत कर तू अभिमान ॥


मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥


माया का अन्धकार निराला,

बाहर उजला अन्दर काला ।

माया का अन्धकार निराला,

बाहर उजला अन्दर काला ।

इस को तू पहचान रे बंदे,

मत कर तू अभिमान ॥


मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥


तेरे पास हैं हीरे मोती,

मेरे मन मंदिर में ज्योति ।

तेरे पास हैं हीरे मोती,

मेरे मन मंदिर में ज्योति ।

कौन हुआ धनवान रे बंदे,

मत कर तू अभिमान ॥


मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥


मत कर तू अभिमान रे बंदे,

जूठी तेरी शान रे ।

मत कर तू अभिमान ॥

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रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणो मे बैठा के तार दे,

चक्रधर भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चक्रधर 12वीं शताब्दी के एक महान तत्त्वज्ञ, समाज सुधारक और महानुभाव पंथ के संस्थापक थे। महानुभाव धर्मानुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार मानते हैं। उनका जन्म बारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में, गुजरात के भड़ोच में हुआ था। उनका जन्म नाम हरीपालदेव था।

मै हूँ बेटी तू है माता: भजन (Main Hoon Beti Tu Hai Mata)

मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।

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