मस्त महीना फागण का,
खुशियों का आलम छाया,
चालो चालो खाटू धाम,
मेला फागण का है आया ॥
रंग गुलाल अबीर लाया,
लाया भर पिचकारी,
होली खेलूंगा मैं तो,
तेरे संग श्याम बिहारी,
आज ना छोड़ूँ तुझको बाबा,
रंग दूँ तेरी काया,
चालो चालो खाटू धाम,
मेला फागण का है आया ॥
धूम मची है खाटू में और,
सज रहा दरबार,
जिसके संग हो सांवरिया,
उसका हर दिन त्यौहार,
कलयुग का ये देव निराला,
सबके मन को भाया,
चालो चालो खाटू धाम,
मेला फागण का है आया ॥
कहता ‘मोन्टु’ तुझसे बाबा,
कर दो ये इंतेज़ाम,
हर फागण पे आऊं बाबा,
मैं तो खाटू धाम,
‘जीतू’ की भी सुनले बाबा,
तुझसे कहने आया,
चालो चालो खाटू धाम,
मेला फागण का है आया ॥
मस्त महीना फागण का,
खुशियों का आलम छाया,
चालो चालो खाटू धाम,
मेला फागण का है आया ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।
नरसिंह जयंती, जो इस साल रविवार 11 मई 2025 को मनाई जाएगी, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के जन्मोत्सव के रूप में प्रसिद्ध है।
नरसिंह जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो इस साल रविवार,11 मई को पड़ रही है।
नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।