म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे सांवरा गिरधारी (Mari Hundi Swikaro Maharaj Re)

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हाने एक छे थारो आधार रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी ॥


राखि पत प्रहलाद की,

धर नरसिंह अवतार,

खम्भ फाड़ प्रकट भए,

तारयो भूमि को सारो भार रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी ॥


पूंजी गोपी चंदन मेरो,

तुलसी सोने रो हार,

साँचा गहना सांवरा,

म्हारी दौलत छे,

झांझ कड़ताल रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी ॥


राणा जी ने विष दियो,

छल मीरा रे साथ,

प्याला विष अमृत भयो,

राखि भक्ता की जाती लाज रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी ॥


म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हाने एक छे थारो आधार रे,

सांवरा गिरधारी,

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,

सांवरा गिरधारी ॥

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माँ अंजनी के लाल, थोड़ा ध्यान दीजिये(Maa Anjani Ke Lal Thoda Dhyan Dijiye)

माँ अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये,

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Tantroktam Ratri Suktam)

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है।

हे शिव भोले भंडारी(Hey Shiv Bhole Bhandari)

हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,

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