मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
तेरा भवन मैया सूना पड़ा है,
सारा ज़माना हाथ जोड़े खड़ा है,
अब तो आजा दरस दिखा जा,
पल पल जाए बीत रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
तेरे दरस की आस जागी है,
तेरे नाम की लगन लगी है,
गा गा कर सब तुमको पुकारे,
रख लो हमारी लाज रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
दरस को नैना तरस रहे हैं,
झर झर आँसू बरस रहे हैं,
अब ना देर लगाओ माता,
प्राण ना जाए छूट रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
जब जब तुमको पुकारा है हमने,
तब तब तुमको पाया है हमने,
शेर सवारी करके आजा,
मन की मिटाने प्यास रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे,
मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,
ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥
हिंदू धर्म में, सूर्यदेव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 14 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जाएगी।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल और गुरू दोनों महत्वपूर्ण ग्रह माने गए हैं। अब मकर संक्रांति के दिन दोनों ही अर्द्ध केंद्र योग बनाने वाले हैं। ये ग्रह जिन पर भी मेहरबान हो जाते हैं, उनकी किस्मत को रातों रात बदल सकते हैं।
मकर संक्रांति, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा में स्नान का काफी महत्व है। इस दिन महाकुंभ में स्नान किया जा सकता है।
सनातन हिंदू धर्म में सूर्य देवता से जुड़े कई प्रमुख त्योहार मनाने की परंपरा है। इन्हीं में से एक है मकर संक्रांति। शास्त्रों में मकर संक्रांति पर स्नान-ध्यान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।