मैया तुम्हारे चरणों में (Maiya Tumhare Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल,

मैया तुम्हारे चरणों में,

यह विनती है हर पल मैया,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥


चाहे बैरी जग संसार बने,

चाहे जीवन मुझ पर भार बने,

चाहे मौत गले का हार बने,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥


चाहे अग्नि में मुझे जलना हो,

चाहे कांटो पे मुझे चलना हो,

चाहे छोड़ के देश निकलना हो,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥


चाहे संकट ने मुझे घेरा हो,

चाहे चारों और अंधेरा हो,

पर मन नहीं डगमग मेरा हो,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥


जिव्हा पे तुम्हारा नाम रहे,

तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे,

तेरी याद मे आठों याम रहे,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥


मिलता है सच्चा सुख केवल,

मैया तुम्हारे चरणों में,

यह विनती है हर पल मैया,

रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,

मिलता है सच्चा सुख केवल ॥

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घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

धूम मची है धूम माँ के दर (Dhoom Machi Hai Dhoom Maa Ke Dar)

धूम मची है धूम माँ के दर,
धूम मची है धूम ॥

शिव द्वादशज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् (Shiv Dwadash Jyotirlinga Stotram)

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्येज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णतं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये॥1॥

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