मैया री मैया एक खिलौना दिलवा दे (Maiya Ri Maiya Ek Khilona Dilwa De)

मैया री मैया एक खिलौना-

छोटा सा दिलवा दे

चाबी भरकर जब छोड़ तो

एक ही रटन लगा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम

सुन मैया सुन मैया

मुझे एक खिलौना दिलवा दे

सुन मैया सुन मैया

मुझे एक खिलौना दिलवा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम


ना मैं चाहूं हाथी घोड़ा

ना कोई बाजे वाला

मुझको तो बस आज दिला दे

मोहन मुरली वाला

बटन दबा दें ही वह झट से

मुरली मधुर बजा दे

चाबी भरकर जब छोड़ तो

एक ही रटन लगा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम


मोर मुकुट हो प्यारा-प्यारा

मेरे मन बस जाए

जो मुरली की धुन सुन ले

वह मस्ती में खो जाए

पग में पायल छम छम बाजे

सबको नाच नचा दे

चाबी भरकर जब छोड़ तो

एक ही रटन लगा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम

BhaktiBharat Lyrics


श्याम सुंदर मुरली वाले को

अपना आज बना लूं

मातृ दत्त यदि मिले खिलौना

सोया भाग्य जगा दूं

देर करो मत अब मेरी मैया

जल्दी से दिलवा दे

चाबी भरकर जब छोड़ तो

एक ही रटन लगा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम


सुन मैया सुन मैया

मुझे एक खिलौना दिलवा दे

बोले श्याम श्याम श्याम

बोले श्याम श्याम श्याम

........................................................................................................
बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,

श्री सरस्वती मैया की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

जानें त्रिपुर भैरवी की महिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन मां भगवती त्रिपुर भैरवी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति के रूप में मनाया जाता है जो शक्ति और साधना की प्रतीक हैं।

मोक्षदा एकादशी व्रत क्यों विशेष है

मोक्षदा एकादशी सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ मानी जाती है। इसे मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।