मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें (Maiya Ji Se Hoga Milan Dheere Dheere)

लग जाएगी लगन धीरे धीरे,

मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


करले भरोसा मैया पे प्यारे,

छोड़ दे झूठे जग के सहारे,

जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,

जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


ज्ञानू सरिका करले समर्पण,

चरणों में कर दे खुद को तू अर्पण,

धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,

धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


दिल को लगा ले चरणों में प्यारे,

‘हर्ष’ रहेगी संग ये तुम्हारे,

महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,

महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


लग जाएगी लगन धीरे धीरे,

मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥

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श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

मात अंग चोला साजे (Maat Ang Chola Saje Har Rang Chola Saje)

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ

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