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मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला,

वो है पारस महादेव भोला,

चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,


नही मिलते है अनुरागियों को,

शिव तो मिलते है बैरागियो को,

मैं भी उनकी बैरगान बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


करके जी जान से उसकी भक्ति,

शिव से माँगूंगी नारी की मुक्ति,

नारी जाती का दर्पण बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी

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बिना पुरोहित के होती है छठ पूजा

छठ पूजा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों विशेष तौर पर बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख लोकपर्व है। इस पर्व की खासियत है कि इसमें किसी पुरोहित या पंडित की आवश्यकता भी नहीं होती।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज भारतीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए मनाती हैं। लेकिन बिहार और कुछ अन्य क्षेत्रों में इस पर्व को मनाने की विधि बेहद अलग और अनोखी है।

कब है भाई दूज 2 या 3 नवंबर, जानें शुभ मुहूर्त

दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

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