मैं हर पल गाता जाऊं, ओम नम शिवाय (Main Harpal Gata Jaun Om Namah Shivay)

ओम नम शिवाय,

ओम नम शिवाय,

मैं हर पल गाता जाऊं,

तेरी भक्ति में खो जाऊं,

सुबह शाम मैं नाम को तेरे,

भोले ध्याता जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


तेरे जैसा कोई नहीं है,

इस जग में हितकारी,

तेरी महिमा सबसे प्यारी,

गाए दुनिया सारी,

मैं नादान हूं दास तुम्हारा,

क्या महिमा मैं गाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


देवों के तुम देव प्रभू जी,

तुम्हीं हो त्रिपुरारी,

करें आरती तेरी निशदिन,

हे भोले भंडारी,

दो वरदान प्रभू,

इस ‘शिव’ को,

गुण मैं तेरे गाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


ओम नम शिवाय,

ओम नम शिवाय,

मैं हर पल गाता जाऊं,

तेरी भक्ति में खो जाऊं,

सुबह शाम मैं नाम को तेरे,

भोले ध्याता जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥

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खेले मसाने में होरी, दिगम्बर(Khele Masane Mein Holi Digambar)

खेले मसाने में होरी,
दिगम्बर,

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया(Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,
कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

महल को देख डरे सुदामा (Mahal Ko Dekh Dare Sudama)

महल को देख डरे सुदामा
का रे भई मोरी राम मड़ईया

रमा एकादशी व्रत कथा (Rama Ekadashi Vrat Katha)

एक समय महाराज युधिष्ठिर ने कहा- “हे जनार्दन मुझपर कृपा करके बताइये कि कार्तिक कृष्ण पक्ष में कौन सी एकादशी होती है? भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा “हे राजन् ! कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में जो परम कल्याणमयी एकादशी होती है वह 'रमा' के नाम से जानी जाती है।

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