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मैली चादर ओढ़ के कैसे - भजन (Maili Chadar Odh Ke Kaise)

मैली चादर ओढ़ के कैसे - भजन (Maili Chadar Odh Ke Kaise)

मैली चादर ओढ़ के कैसे,

द्वार तुम्हारे आऊँ,

हे पावन परमेश्वर मेरे,

मन ही मन शरमाऊँ ।

॥ मैली चादर ओढ़ के..॥


तूने मुझको जग में भेजा,

निर्मल देकर काया,

आकर के संसार में मैंने,

इसको दाग लगाया ।

जनम जनम की मैली चादर,

कैसे दाग छुड़ाऊं,

॥ मैली चादर ओढ़ के..॥


निर्मल वाणी पाकर तुझसे,

नाम ना तेरा गाया,

नैन मूँदकर हे परमेश्वर,

कभी ना तुझको ध्याया ।

मन-वीणा की तारे टूटी,

अब क्या राग सुनाऊँ,

॥ मैली चादर ओढ़ के..॥


इन पैरों से चलकर तेरे,

मंदिर कभी ना आया,

जहाँ जहाँ हो पूजा तेरी,

कभी ना शीश झुकाया ।

हे हरिहर मई हार के आया,

अब क्या हार चढाउँ,

॥ मैली चादर ओढ़ के..॥


तू है अपरम्पार दयालु,

सारा जगत संभाले,

जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा,

अपनी शरण लगाले ।

छोड़ के तेरा द्वारा दाता,

और कहीं नहीं जाऊं


मैली चादर ओढ़ के कैसे,

द्वार तुम्हारे आऊँ,

हे पावन परमेश्वर मेरे,

मन ही मन शरमाऊँ ।

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चैत्र माह कब से शुरू होगा

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला और अत्यंत पावन महीना है, जिसे भक्ति, साधना और आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस महीने से न केवल हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है, बल्कि प्रकृति में भी बदलाव दिखाई देता है।

इस दिन होगी हिंदू नववर्ष की शुरुआत

आम तौर पर नए साल की शुरुआत 1 जनवरी को होती है। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस बार यह तिथि 30 मार्च को पड़ेगी। बता दें कि हिंदू कैलेंडर, आम कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है, जिसे विक्रम संवत के नाम से जाना जाता है।

18 March 2025 Panchang (18 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार, आज कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ मंगलवार पड़ रहा है। व्याघात योग आमतौर पर इस दिन ज्यादातर कामों को प्रोत्साहित नहीं करता है, क्योंकि यह ज्योतिष के अशुभ प्रभाव में है।

जनेऊ संस्कार शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025

हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"। इस अनुष्ठान से बालक को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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