मात अंग चोला साजे (Maat Ang Chola Saje Har Rang Chola Saje)

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ


मात अंग चोला साजे,

हर रंग चोला साजे

मात की महिमा देखो,

ज्योत दिन रैना जागे


तू ओढे लाल चुनरिया,

गहनो से करे श्रृंगार

शेरो पर करे सवारी,

तू शक्ति का अवतार

तेरे तेज बहरे दो नैना,

तेरे अधरों पर मुस्कान

तेरे द्वारे शीश झुकाये,

क्या निर्धन क्या बलवान

तेरे ही नाम का मात,

जगत में डंका बाजे

मात अंग चोला साजे...


ऊँचा है मंदिर तेरा,

ऊँचा तेरा अस्थान

दानी क्या कोई दूजा,

माँ होगा तेरे सामान

जो आए श्रद्धा लेके,

वो ले जाए वरदान

हे माता तू भगतो के,

सुख दुःख का रखे ज्ञान

तेरे चरणो में आके,

भाग्य कैसे ना जागे


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भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा (Bhari Unki Ankho Mein Hai Kitni Karuna)

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
जाकर सुदामा भिखारी से पूछो

हे आनंदघन मंगलभवन, नाथ अमंगलहारी (Hey Anand Ghan Mangal Bhawa)

हे आनंदघन मंगलभवन,
नाथ अमंगलहारी,

हर देश में तू, हर भेष में तू - प्रार्थना (Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu)

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा

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