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मां वेदों ने जो तेरी महिमा कही है (Maa Vedon Ne Jo Teri Mahima Kahi Hai)

मां वेदों ने जो तेरी महिमा कही है (Maa Vedon Ne Jo Teri Mahima Kahi Hai)

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

सही है सही है सही है सही,

तू करुणामयी और ममतामयी है,

सही है सही है सही है सही।


कोई दुर्गा काली भवानी कहे,

कोई अम्बे या वैष्णो रानी कहे,

महामाया गौरी तू कात्यायनी,

तु ही शारदे लक्ष्मी नारायणी,

तेरे नामों का कोई अंत नहीं है,

सही है सही है सही है सही।

तेरे नामों का कोई अंत नहीं है,

सही है सही है सही है सही


तुम्ही ने बनाया ये संसार माँ,

ये चंदा सितारे सूरज आसमा,

ये पर्वत ये झरने ये फूल और वन,

जिसे देख मन हो रहा है मगन,

तेरी ही कृपा से टिकी धरती है,

सही है सही है सही है सही।

तेरी ही दया  से टिकी धरती है,

सही है सही है सही माँ सही।


मुझे अपनी भक्ति का वरदान दो,

दया अब करो माँ मुझे ज्ञान दो,

हो आशा मेरी पूरी मातेश्वरी,

मेरे दिल में हो बस मूरत तेरी,

तेरे ‘लख्खा’ की मैया विनती यही है,

यही है यही है यही है यही

तेरे ‘लख्खा’ की मैया विनती यही है,

यही है यही है यही है यही


माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

सही है सही है सही है सही,

तू करुणामयी और ममतामयी है,

सही है सही है सही है सही

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

सही है सही है सही है सही,

तू करुणामयी और ममतामयी है,

सही है सही है सही है सही

ओ माँ सही है सही है सही है सही,

ये सही है सही है सही है सही,

ओ माँ सही है सही है सही है सही


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कार्तिक मास के फायदे

कार्तिक मास के दौरान लोग दिल खोल कर दान पुण्य करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बसे वैसे लोग जो गंगा किनारे नहीं हैं वे कार्तिक माह में गंगा किनारे आकर रहते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

बुध प्रदोष व्रत, नवंबर 2024

सनातन धर्म में प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व है, जैसे एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है, वैसे ही त्रयोदशी तिथि महादेव भगवान शिव की प्रिय तिथि मानी जाती है।

सामा-चकेवा और मुढ़ी-बतासे

सामा-चकेवा मिथिलांचल में भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल सप्तमी से कार्तिक पूर्णिमा तक नौ दिन चलता है।

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