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माँ तेरे लाल बुलाए आजा(Maa Tere Lal Bulaye Aaja)

माँ तेरे लाल बुलाए आजा(Maa Tere Lal Bulaye Aaja)

माँ तेरे लाल बुलाए आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा,

माँ तेरे लाल बुलाए आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा ॥


तेरे बिन माँ कोई हमारा नहीं,

हमें माँ किसी का सहारा नहीं,

माँ तुझ बिन किसी को पुकारा नहीं,

है तेरे सवाली मैया तुझसे ही सवाल है,

तेरे बिन बच्चो का हुआ माँ बुरा हाल है,

माफ़ करदे माँ ख़ताये आजा,

माफ़ करदे माँ ख़ताये आजा,

सुनले बच्चो की सदाए आजा,

माँ तेरे लाल बुलाएं आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा ॥


है तूफान गम का बचाले हमें,

माँ आँचल में अपने छुपा ले हमे,

तू चरणों से अपने लगा ले हमें,

आजा माँ दीदार दे,

बच्चो को अपना प्यार दे,

भूल हो गई कोई माँ तो,

उसे तू बिसार दे,

भूलें मेरी बिसार दे,

रूठती नहीं मायें आजा,

माँ तेरे लाल बुलाएं आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा ॥


माँ तेरे लाल बुलाए आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा,

माँ तेरे लाल बुलाए आजा,

सुनले भक्तो की सदाए आजा ॥

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कैसे शुरू हुई होलिका दहन की प्रथा

होली का पर्व रंगों और उमंग के साथ-साथ धार्मिक आस्था से भी जुड़ा हुआ है। होलिका दहन की परंपरा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

होलिका दहन के दौरान ना करें ये गलती

होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए होलिका दहन किया जाता है।

होलिका दहन के उपाय

होलिका दहन नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और जीवन में खुशहाली लाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आर्थिक तंगी, शारीरिक बीमारियों और व्यापार में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं।

होली की पौराणिक कथाएँ

होली भारत का एक प्रमुख और रंगों से भरा त्योहार है। लेकिन ये केवल रंगों और उल्लास तक ही सीमित नहीं, होली का एक गहरा धार्मिक और पौराणिक महत्व भी है।

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