मां खजाने बैठी खोल के(Maa Khajane Baithi Khol Ke)

शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


यहां हरपल दाती बांटती,

खुशियों के मोती,

यहां सुख के सारे,

रत्नों की है बारिश होती,

जो चाहिए ले लो जय हो,

आवाजे दे लो जय हो,

ये माँ का दर है,

तुम्हें किसका डर है,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


माँ रोज यहां कंगालो को,

धनवान बनाती,

वो झोपड़ी को बंगला,

आलिशान बनाती,

हर आशा तेरी जय हो,

कर देगी पूरी जय हो,

विश्वास रखो,

फिर जादू देखो,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


वो मिट्टी को भी छु ले तो,

सोना बन जाता,

अरे उसी से भिक्षा लेता,

जग का भाग्य विधाता,

जो जग की दाती जय हो,

जो सबको देती जय हो,

तुमको भी देगी,

हमको भी देगी,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥


शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

दुख सबके हरती जय हो,

भंडार है भरती जय हो,

तकदीर बदलती जरा देर ना लगती,

जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥

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जब जब मन मेरा घबराए(Jab Jab Man Mera Ghabraye)

जब मन मेरा घबराए,
कोई राह नज़र ना आये,

मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी कब है?

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पुत्रदा एकादशी 2025

पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा या वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए उपाय करने से सफलता मिलती है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

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