मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं

दिल दिल दिल दिल दिल..माँ का दिल

दिल दिल दिल..माँ का दिल दिल दिल

माँ का दिल दिल दिल

माँ का दिल दिल दिल


इस से बढ़ के कोई शह भी कोमल नहीं।

इस से बढ़ के कोई शह भी कोमल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


माँ के भक्त जनो थाम के दिल सुनो,

माँ के दिल की कहानी सुनाता हूँ मैं।

पीड़ा दुःख से घिरी आसुओं से भरी,

सच्ची ममता के दर्शन करता हूँ मै॥

(सच्ची ममता के दर्शन करता हूँ मै॥)


दुखिया एक नारी थी भाग्य की मारी थी,

सुख देवी था नाम पर सुख ना मिला।

उसके सिन्दूर को बिंदिया के नूर को,

हाय ज़ालिम मुकद्दर ने छीन था लिया॥

एक नूर - ए - नज़र प्यारा लख्ते जिगर,

उसकी ममता की छावँ में पलता रहा।

माँ की ऊँगली पकड़ चलके इधर उधर,

कभी गिरता कभी वो संभलता रहा॥

(कभी गिरता कभी वो संभलता रहा॥)


माँ को रहता था डर कोई लगे ना नज़र,

काला गाल पे टीका लगाती थी वो।

होक बस प्यार के मिर्चों को वार के,

जलते चूल्हे मे निःसदिन गिराती थी वो॥

उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं,

उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


कपड़े सी सी के वो आंसू पी पी के वो,

अपने बेटे पे खुशियां लुटाती रही।

अबला की बेबसी करके फाकाकशी,

भूकी खुद रह के उसको खिलाती रही॥

(भूकी खुद रह के उसको खिलाती रही॥)


दिन गुज़रते रहे रो रो कटते रहे,

कभी बच्चे को गम ना था करने दिया।

चाहे लाचार थी दुःख से दो चार थी,

साया दु:खों का उसपे ना पड़ने दिया॥

मन में था हौसला कल को हो के बड़ा,

मेरे कदमो में खुशियां बिछा देगा ये।

अच्छे दिन आएंगे दूर गम जाएंगे,

मेरे कांटो को कलियाँ बना देगा ये॥

(मेरे कांटो को कलियाँ बना देगा ये॥)


अम्बे मैय्या के दर उसका करने शुक्र,

साथ बेटे के एक दिन जाऊंगी मैं।

घर में आये बहु परियों सी हूबहू,

मांग मन्नत भवानी से आऊंगी मैं॥

दूर मुझसे मेरी अब तो मंज़िल नहीं,

दूर मुझसे मेरी अब तो मंज़िल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


दे के ममता दुलार चाव कर बेशुमार,

रोज़ सपने ही सपने संजोती रही।

कभी मुँह चूमती उस को ले झूमती,

चाहे परदे में निसदिन ही रोती रही॥

(चाहे परदे में निसदिन ही रोती रही॥)


तारा आंखों का वो माँ का प्यारा था जो,

वक्त के साथ एक दिन बड़ा हो गया।

माँ के बलिदान की कोई कदर ना रही,

बुरी संगत की दलदल में वो खो गया॥

एैब से घिर गया इस कदर गिर गया,

गालियाँ तक था माँ को सुनाने लगा।

मेहनतों का जो धन एक चंडाल बन,

बेहयाई से वो था लुटाने लगा॥

(बेहयाई से वो था लुटाने लगा॥)


मैय्या रोती रही आहें भरी रही,

हाय सोचा था क्या और क्या हो गया।

सपना टूटा है क्यूं भाग्य फूटा है क्यूं,

क्यू भलाइयों का बदला बुरा हो गया॥

चाह जो था हुआ उस को हासिल नहीं,

चाह जो था हुआ उस को हासिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


वो दुराचारी बन हो गया बदचलन,

फंस गया गलत लड़की के प्रेम जाल में।

जितना चिल्लाती माँ उस को समझाती माँ,

उतना ज्यादा वो डूबा था जंजाल में॥

(उतना ज्यादा वो डूबा था जंजाल में॥)


रोज लड़की से मिल उसका कहता था दिल,

तुझ से शादी रचाने को जी चाहता।

तुझे दुल्हन बना डोली में बिठा,

घर आपने ले जाने को जी चाहता॥

तेरे सर की कसम मेरे प्यारे सनम,

तेरे बिन अब तो मुझ से जिया जाए ना।

तुम कहो जो करूं तुझपे जां वार दू,

पर जुदाई का विष ये पिया जाये ना॥

(पर जुदाई का विष ये पिया जाये ना॥)


लड़की ने कहा गर मुझसे वफ़ा,

दिल अपनी तू माँ के मुझे ला के दे।

जो तू इतना करे मेरा वादा है ये,

तो मैं जाउंगी शान से घर में तेरे॥

बड़ा आसान है काम मुश्किल नहीं,

बड़ा आसान है काम मुश्किल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


अँधा हो प्यार में झूठे ऐतबार में,

हाय लेके छुरी अपने घर आ गया।

माँ को कुछ ना पता होने वाला है क्या,

बेटा ढाने को क्या है कहर आ गया॥

(बेटा ढाने को क्या है कहर आ गया॥)


माँ ने रोज़ की तरह खाना लाके दिया,

और सौ सौ दुआए भी देने लगी।

लाल समझो मेरे सदके जाऊं तेरे,

सच्ची ममता बालाएं थी लेने लगी॥

बेटा शैतान था हुआ हैवान था,

झूठी उल्फत माँ की खुशी जल गयी।

जन्म जिसने दिया दूध जिसका पिया,

उसके दिल पे ही उसकी छुरी चल गयी॥

(उसके दिल पे ही उसकी छुरी चल गयी॥)


खून माँ का पियो बेटा जुग जुग जियो,

तेरी हरकत से माता का मन खिल गया।

मरते मरते यही माँ ने आवाज दी,

मेरी ममता का मुझको सिला मिल गया॥

अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं,

अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


बेहया बेरहम करके ऐसा कर्म,

भागा लड़की के घर था चला जा रहा।

जो था वादा किया वो निभा है दिया,

अपनी मक्कारी पर था वो इतरा रहा॥

(अपनी मक्कारी पर था वो इतरा रहा॥)


चलते चलते तभी उसको ठोकर लगी,

और धरती पे मुँह के वो बल गिर गया।

हाथों से फिसल गया माँ का वो दिल,

इतना माँ की दुआओं का फल गिर गया॥

बोला माता का दिल मेरे लाल संभल,

कोई तेरी वफ़ा में खोंट तो नहीं।

तेरा होए रे भला मुझे सच सच बता,

कहीं तुझको लगी कोई चोंट तो नहीं॥

(कहीं तुझको लगी कोई चोंट तो नहीं॥)


मेरे दिल को उठा दिल से दिल को लगा,

इस दिल में बड़ा प्यार तेरे लिए।

दिल हरदम मेरा देता दिल से दुआ,

दिल ये कुर्बान सौ बार तेरे लिए॥

माँ रहम दिल है तुझ जैसी संघदिल नहीं,

माँ रहम दिल है तुझ जैसी संघदिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


लेके थोड़ा सा दम बेअकल बेशरम,

दिल माँ का उठा के चला वो गया।

खूंखार वो पशु डाल माँ का लहू,

करना रौशन वो चाहे वफ़ा का दिया॥

(करना रौशन वो चाहे वफ़ा का दिया॥)


प्रेमिका के वो घर फक्र से पहुंचकर,

बोला माँ का मैं दिल ये लाया मेरी जान।

इस जहाँ में कहीं कोई मुझसा नहीं,

मैंने कर ही लिया पास ये इम्तेहान॥

पागलपन देखकर बोली वो चीख कर,

अरे वहशी दरिंदे ये क्या कर दिया।

धरती फट जाएगी प्रलय आ जाएगी,

तूने ममता को जग में तबाह कर दिया॥

(तूने ममता को जग में तबाह कर दिया॥)


तेरे जैसे अगर हुए और भी बशर,

माँ बेटों को देगी जनम ना कभी।

रोना आता मुझे लाख लानत तुझे,

मेरे घर से ओ जालिम निकल जा अभी॥

तू मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं,

तू मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


उसकी फटकार से लानतों की मार से,

सर पीट के कलंकी वो रोने लगा।

मैंने क्या कर दिया खून माँ का किया,

अपने किये पे शर्म सार होने लगा॥

(अपने किये पे शर्म सार होने लगा॥)


माँ का दिल देखकर माथे को टेककर,

बोला हे जननी मैया मुझे माफ़ कर।

मैं हूँ पापी बड़ा सर झुकाए खड़ा,

हो सके तो ये चोला मेरा साफ कर॥

अब मैं जाऊं कहाँ मुँह छुपाऊ कहाँ,

मैंने खुद को गुनाहों में गर्क कर लिया।

तू तो निर्दोष माँ तुझसा कोई कहाँ,

मैंने जीवन ये अपना नरक कर लिया॥

(मैंने जीवन ये अपना नरक कर लिया॥)


जो किया सोचकर बालों  को नोचकर,

वो जमीं पे था सर को पटकने लगा।

लोग धिक्कारते पत्थर भी मारते,

वो पागल हो दर दर भटकने लगा॥

सभी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं,

सभी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


बेड़ियों में जकड़ पुलिस ले गयी पकड़,

मौत सामने खड़ी देख वो डर गया।

खौफ इतना बढ़ा जो वो सह ना सका,

पागल खाने में रो रो के वो मर गया॥

(पागल खाने में रो रो के वो मर गया॥)


माँ के भक्तों सुनो इससे कुछ सबक लो,

दिल भूले से माँ का दुखाना नहीं।

ये समझ लो सभी माँ ने आह जो भरी,

लोक परलोक कहीं भी ठिकाना नहीं॥

अम्बे माँ के भवन पीछे रखना कदम,

पहले घर बैठी माँ के चरण चूम लो।

उसकी आशीष ले ममता चुनरी तले,

सच्ची जन्नत के करके दरश झूम लो॥

(सच्ची जन्नत के करके दरश झूम लो॥)


घर में भूखी है माँ बाहर लंगर लगा,

ऐसे इंसा कभी बक्शे जाते नहीं।

माँ को पीड़ा से भर जा के दाती के दर,

शेरो वाली का वो प्यार पाते नहीं॥

माँ सा निर्दोष गुरु कोई कामिल नहीं,

माँ सा निर्दोष गुरु कोई कामिल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


इस से बढ़ के कोई शह भी कोमल नहीं,

इस से बढ़ के कोई शह भी कोमल नहीं।

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं,

माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥

माँ का दिल, माँ का दिल।

माँ का दिल, माँ का दिल॥


दिल दिल दिल..

माँ का दिल दिल दिल

माँ का दिल दिल दिल

माँ का दिल दिल दिल


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