जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद सितारे,
फीके लगते चाँद सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कही ना लागे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है ॥
ममता की तू खान है मैया,
तेरा ना कोई मोल,
माँ बेटे का रिश्ता सबसे,
होता है अनमोल,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
बेटा जो भूखा हो तो माँ,
को भी कुछ ना भाए,
ना जाने किस रूप में मैया,
उसकी भूख मिटाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है ॥
बेऔलादि में जब कोई,
बेटा नीर बहाए,
जगदम्बा की चौखट पर,
अपना दामन फैलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
खुशियों से दामन भर दे,
गोदी में लाल खिलाए,
या तो खुद माँ बनके बेटी,
उसके घर आ जाए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है ॥
माँ महिमा युगो युगो तक,
कभी लिखी ना जाए,
मेरी माँ जब भी मुस्काती,
जग जननी दिख जाए,
ये ममता का आँचल मैया,
ये ममता का आँचल मुझसे,
दूर कभी ना जाए,
माँ का कर्ज ना उतर सके,
ये बात ‘प्रकाश’ बताए,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है ॥
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के चरणों में ही तो,
वो जन्नत होती है,
फीके लगते चाँद सितारे,
फीके लगते चाँद सितारे,
भी माँ तेरे आगे,
बार बार मैं वारि जाऊं,
नज़र कही ना लागे,
तू कितनी भोली है,
तू कितनी प्यारी है ॥
हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए हैं जिन्हें अबुझ मुहूर्त कहा जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महीने में एक ऐसा समय आता है जो अशुभ माना जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पंचक काल के बारे में, जो हर महीने में आता है। इसकी अवधि 5 दिनों की होती है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है, जो एक महीने की अवधि के लिए अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह समेत किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर म्रृगशीर्षा नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।