लहर लहर लहरा गई रे, मेरी माँ की चुनरियाँ, माँ की चुनरियाँ(Lehar Lehar Lehra Gayi Re Meri Maa Ki Chunariya)

लहर लहर लहरा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

माँ की चुनरियाँ,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया बरसाने को पहुंची,

उड़के चुनरिया बरसाने में पहुंची,

राधा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया अयोध्या को पहुंची,

उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुंची,

सिता जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया हरिधाम को पहुंची,

उड़के चुनरिया हरिधाम में पहुंची,

लक्ष्मी जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया कैलाश को पहुंची,

उड़के चुनरिया कैलाश में पहुंची,

गौरा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया मेवाड़ को पहुंची,

उड़के चुनरिया मेवाड़ में पहुंची,

मीरा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,

उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,

भक्तों के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


लहर लहर लहरा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

माँ की चुनरियाँ,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥

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इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स (New Bhaye Pragat Kripala Bhajan By Manoj Muntashir)

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संकट हरनी मंगल करनी, कर दो बेडा पार(Sankat Harni Mangal Karni Kardo Beda Paar)

संकट हरनी मंगल करनी,
कर दो बेडा पार,

सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी (Saj Dhaj Kar Jis Din Maut Ki Sahjadi Aayegi)

सजधज कर जिस दिन,
मौत की शहजादी आएगी,

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