कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,
चरणों में झुक जाने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
प्रेम के मंजिल के राही,
कष्ट पाते हैं मगर,
बीज़ फलता है सदा,
मिट्टी में मिल जानें के बाद,
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
देख़कर काली घटा को,
ए भ्रमर मत हो निराश,
बंद कलियाँ भी खिलेंगी,
रात ढल जानें के बाद,
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
पूछों इन फूलों से जाकर,
छाई है कैसे बहार,
कब तलाक काँटों पे सोया,
डाल पर आने के बाद,
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
जब तलक है भेद मन में,
कुछ नहीं कर पायेगा,
रंग लाएगा ये साधन,
भेद मिट जाने के बाद,
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,
चरणों में झुक जाने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कब डालोगी, मेरे घर फेरा
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।
ज्योत जगा के, सर को झुका के,
मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है ।
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,