कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर (Kripalu Bade Hai Shri Shyam Sundar)

कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कौन है अपना कौन बेगाना,

कौन है बैरी कौन दीवाना,

इनके लिए सब एक बराबर,

इनके लिए सब एक बराबर,

भगवन किसी से भेद ना करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कोई कहे गिरधर कोई मुरलीधर,

कोई कहे छलिया कोई कहे नटवर,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

प्रेम की भाषा भगवन समझते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


राधा तो इनके दिल में समाई,

करके भक्ति सोई मीरा ने पाई,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

भक्तों को वत्सल दूर ना रहते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥

........................................................................................................
हम को मन की शक्ति देना (Hum Ko Mann Ki Shakti Dena)

हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करें ।

माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,

दुःख की बदली, जब जब मुझ पे छा गई(Dukh Ki Badli Jab Jab Mujhpe Cha Gayi )

दुःख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,

बसंत पंचमी क्या दान करें

बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, विद्या और समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन पूरी तरह से माता सरस्वती को समर्पित है, और इस दिन उनकी पूजा का विधान है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।