कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,
अब आ भी जा माँ,
आस लगाई आई,
भक्तो रात भजन की ॥
सूरज चाँद सितारे हरदम,
तेरा माँ गुण गाते,
दूर दूर से भक्त माँ तेरे,
दर्शन पाने आते,
तेरे चरणों में माँ,
ज्योत जलाई आई,
भक्तो रात भजन की,
कितने दिनो के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की ॥
दुखियों का दुःख दूर करे माँ,
दुष्टों का संहार करे,
जो माँ को श्रद्धा से ध्याये,
माँ उसका उद्धार करे,
सच कहती हूँ है ये,
ममता की माई आई,
भक्तो रात भजन की,
कितने दिनो के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की ॥
इस जग में सबकुछ है पराया,
झूठी है सब माया,
धूल जाते है पाप सभी जब,
माँ का दर्शन पाया,
बस दर्शन पाले तेरा,
शेरावाली माई आई,
भक्तो रात भजन की,
कितने दिनो के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की ॥
कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,
अब आ भी जा माँ,
आस लगाई आई,
भक्तो रात भजन की ॥
नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥
संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।
आनंद उमंग भयो,
जय हो नन्द लाल की ।
नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे/री
महारानी तेरो लाला जबर भयो रे/री